महाशिवरात्रि पर किस रंग के कपड़े पहनना चाहिए।
नमस्कार दोस्तो स्वागत है आपका हमारे एक और नये आर्टिकल मे। आज इस आर्टिकल मे हम आपको बताने वाले है महाशिवरात्रि पर किस रंग के कपड़े पहनना चाहिए और केसे पूजा करनी चाहिए, जिससे शिवजी की कृपा आप पर बरसती रहे।
हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, महाशिवरात्रि कई वजहों से मनाई जाती है जेसे की:
- इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था।
- यह दिन शिव और शक्ति के मिलन का प्रतीक है।
- शिवपुराण के मुताबिक, इस दिन भगवान सदाशिव सबसे पहले शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे।
- इस दिन भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग प्रकट हुआ था।
महाशिवरात्रि का पर्व शुक्रवार 8 मार्च 2024 को देशभर में भक्ति और रास्ता के साथ आएगा। इस दिन मंदिर होगा शिवालियों में भक्तों की भीड़ होगी सभी पूजा पाठ कर भगवान शिव को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं। और इसी के साथ ही महाशिवरात्रि पर किस रंग के कपड़े पहनना चाहिए ये प्रश्न भी लोगों के मन मे आता है।
मेरे प्यारे साथियों अलग- अलग मान्यताओ और रीति- रिवाजों के अनुसार सभी स्थानों पर पूजा – पाठ करने का तरीका भी अलग होता है। परंतु हिन्दू धर्म के ग्रंथों के हिसाब से कुछ विशेष रंग के वस्त्रों को जीकर यह किया गया है। साथियों महाशिवरात्रि पर कुछ विशेष रंग के कपड़े पहनकर पूजा करने की सलाह दी जाती है इससे भगवान शिव की कृपा बरसती है।
महाशिवरात्रि किस रंग का वस्त्र पहनना चाहिए।
ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि महाशिवरात्रि के मौके पर किस रंग के कपड़े पहनकर पूजा करना होता शुभ है। महाशिवरात्रि पर शिव जी को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए हरे रंग के कपड़े पहनकर पूजा करने से सबसे अच्छा शुभ माना जाता है।
हरा रंग शिवजी को अति प्रिय होता है और इससे में शीघ्र प्रसन्न होते हैं। यही कारण है की पूजा में उन्हें हरे रंग की सामग्रियां जैसे बेलपत्र, भांग और धतूरा आदि अर्पित किए जाते हैं। हरे रंग के अलावा आप लाल, सफेद, पीला या नारंगी रंग के कपड़े पहनकर भी पूजा कर सकते हैं, यह रंग भी शिवजी की पूजा के लिए शुभ होते हैं।
महाशिवरात्रि पर कौन से कपड़े नहीं पहनना चाहिए।
महाशिवरात्रि पर शिव जी की पूजा करते समय इस बात का ध्यान रखें कि इस दिन भुलकर भी काले रंग के कपड़े न पहनें। इससे शिवजी अप्रसन्न होते हिय और उनकी कृपा काम बरसती है।
महाशिवरात्रि के दिन पूजा केसे करनी चाहिए।
भगवान शिव की आराधना करते समय इस बात का ध्यान रखें कि उन्हें कमल, कनेर, केतकी आदि फूल बिल्कुल भी चढ़ाएं। महाशिवरात्रि के दिन मांस-मदिरा के अलावा तामसिक भोजन(लहसुन-प्याज) का सेवन बिल्कुल भी न करें। महाशिवरात्रि के दिन जिन लोगों ने व्रत रखा है। वह लोग दिन के समय बिल्कुल भी न सोएं बल्कि भगवान शिव की आराधना करें।
पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि का शुभ मुहरत कोनसा है।
उत्तर भारतीय पञ्चाङ्ग के अनुसार, फाल्गुन माह में आने वाली मासिक शिवरात्रि को महा शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि 8 मार्च 2024 को रात 09.57 से शुरू होगी और अगले दिन 09 मार्च 2024 को शाम 06.17 मिनट पर समाप्त होगी।
यह जानकारी सिर्फ मान्यताओं धार्मिक ग्रंथो और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है किसी भी जानकारी को मानने से पहले आप अपनी परंपरा के अनुसार इन बातों पर गौर करे या फिर अपने किसी विश्वास पात्र विशेषज्ञ की सलाह ले।
धन्यवाद, आप सभी को महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाए और बधाई।
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